जबलपुर: प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को
पब्लिक स्कूल जैसी शैक्षणिक सुविधा को
नि:शुल्क उपलब्ध कराने के लिये चार श्रमोदय विद्यालय
अगले शिक्षण सत्र से शुरू किये जा रहे हैं। यह
विद्यालय आवासीय सुविधा के साथ नि:शुल्क
भोजन, पुस्तकों सहित नि:शुल्क शिक्षा श्रमिकों के
बच्चों को देंगे। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में
तैयार हो रहे इन विद्यालयों में 4480 बच्चों के
शिक्षण, आवास और खेलकूद की
वैसी ही व्यवस्थाएँ
की जा रही हैं,
जैसी प्राइवेट पब्लिक स्कूल में
रहती है।
श्रमोदय विद्यालय भोपाल का भवन परिसर 61 करोड़
59 लाख, इन्दौर का 49 करोड़ 96 लाख, जबलपुर का
49 करोड़ 84 लाख और इतनी
ही लागत से ग्वालियर श्रमोदय विद्यालय
भवन परिसर का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य
लगभग 80 प्रतिशत हो चुका है और
जल्दी ही इसे पूरा कराया जा
रहा है।
सभी श्रमोदय विद्यालय
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल
(सीबीएसई) से संबद्ध होंगे।
इनमें प्रत्येक में 1120 श्रमिकों के बच्चों को
हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम
से कक्षा 6वीं से 12वीं तक
की सभी संकाय
की शिक्षा दी
जायेगी। श्रमोदय विद्यालय में प्रवेश के
लिए लिखित परीक्षा होगी
जिसमें पंजीकृत श्रमिक के बच्चे शामिल
हो सकेंगे। प्रवेश कक्षा 6वीं में दिया
जायेगा और कक्षा 6वीं में प्रवेश के पूर्व
छात्र को 5वीं परीक्षा पास
होना अनिवार्य होगा। श्रमोदय विद्यालय भोपाल से
होशंगाबाद और सागर, इंदौर विद्यालय से इन्दौर और
उज्जैन, जबलपुर विद्यालय से जबलपुर,
रीवा, शहडोल और ग्वालियर श्रमोदय
विद्यालय से ग्वालियर और चम्बल में आने वाले जिले
संबद्ध रहेंगे।
प्रदेश के सभी क्षेत्रों के
श्रमिकों के बच्चों को आधुनिक सुविधाओं के साथ
बेहतर शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराने को ध्यान में
रख चार अलग-अलग क्षेत्र के महानगर में श्रमोदय
विद्यालय शुरू किये जा रहे हैं।
श्रमोदय विद्यालय का प्रशासनिक, शैक्षणिक और
अन्य व्यवस्थाओं का संचालन श्रमोदय विद्यालय समिति
से नियंत्रित होगा। समिति का सोसायटी
रजिस्ट्रीकरण एक्ट में
पंजीयन कराया जायेगा।
मध्यप्रदेश भवन एवं संन्निर्माण कर्मकार मंडल
के अनुसार विद्यालय भवनों का निर्माण 2017-18 में पूरा
हो जायेगा। इसके साथ ही अन्य
व्यवस्थाएँ, फर्नीचर, छात्रावास, प्रयोगशाला
के उपकरण, शैक्षणिक और प्रशासनिक स्टाफ आदि
को पूरा कर शैक्षणिक सत्र 2018-19 से यह
विद्यालय प्रारंभ होंगे।
यह पहला अवसर होगा जब नि:शुल्क और
पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं के साथ
पब्लिक स्कूल की सुविधा राज्य के श्रमिकों
के बच्चों को मिलेगी।