महाराजगंज : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्य में लापरवाही बरतने वाले 11 अधिकारियों को आज निलंबित कर दिया जबकि सात अन्य के तबादले के आदेश दिये।
योगी ने महाराजगंज जिले की समीक्षा बैठक के दौरान ये आदेश दिये। इसकी पुष्टि राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की। योगी ने दो थानेदारों को निलंबित करने का निर्देश दिया और लापरवाही के मामले में नौतनवां के एसडीएम को मुख्यालय से संबद्ध करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने चार माह से गायब चल रहे चार चिकित्सकों के खिलाफ जांच के आदेश भी जारी किये। योगी ने उक्त आदेश समीक्षा बैठक के दौरान उस समय दिये, जब वह जनसमस्याओं की सुनवाई के संबंध में अधिकारियों से स्पष्टीकरण ले रहे थे।
कार्यों में लापरवाही और अन्य शिकायतें मिलने के बाद पुरेंदरपुर और फरेंदा के थाना प्रभारियों को निलंबित करने का आदेश जारी किया। योगी ने लंबे समय से गायब चल रहे चिकित्सकों के मामले में कहा कि यदि उनके खिलाफ शिकायतें सही पाई जाती हैं तो उनका चार माह का वेतन वापस लिया जायेगा। योगी ने अधिकारियों को कई निर्देश दिये और जनता से जुड़े कामों में लापरवाही बरतने पर उन्हें सक्त अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी। इससे पहले योगी ने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करते हुए आहवान किया, ‘‘केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रहीं है, उसे आम जन तक ले जाना पार्टी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा कि योजनाएं पात्रों तक पहुंचें, इसका शत-प्रतिशत अनुपालन कराया जाये। शहरी गरीबों को आवास का लाभ देना सरकार ने शुरू कर दिया है। गोरखपुर से इसकी शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों के बकाया 23 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करा दिया गया है।
शेष दो हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान भी शीघ्र कर दिया जाएगा।
योगी ने कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि
नकारात्मक सोच से दूर रहते हुए सकारात्मक चर्चा जनता के बीच करें। पंडित दीनदयाल उपाध्याय हमारे आदर्श हैं। उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। भाजपा उन्हीं के आदर्शों पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार क्रय केंद्रों पर किसानों का शत प्रतिशत गेहूं खरीदा गया और उसका भुगतान भी हफ्तेभर के अंदर सुनिश्चित किया गया।
[शैलेष दुबे]