बैंकों में कितनी रकम जमा हुई..इसका पूरा आंकड़ा अब तक नहीं आया सामनेनयी दिल्ली 10 मार्च 2017। 8 नवंबर को नोटबंदी के आदेश के बाद से देशभर के बैंकों और अनेक संस्थाओं के पास 500 और 1000 रुपये की प्रतिबंधित करेंसी जमा की जाने लगी. 8 नवंबर की रात 12 बजे तक दोनों 500 और 1000 रुपये की करेंसी का मार्केट रेट उसकी फेसवैल्यू के बराबर थी. लेकिन अब बैंकों में जमा रद्दी हो चुकी करेंसी चूरन की नोट जैसी हो गई है. रिजर्व बैंक के लिए पुरानी करेंसी अगर 2 से 3 रुपये के बराबर थी तो नई जारी हुई 2000 रुपये की करेंसी भी चूरन के दाम बराबर ही है.
यूं बढ़ती-घटती है करेंसी की वैल्यू
वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक मौजूदा समय में बैंकों में पड़ी प्रतिबंधित करेंसी में 500 रुपये की प्रति नोट 2.87 रुपये से लेकर 3.09 रुपये तक है. वहीं प्रतिबंधित 1000 रुपये की करेंसी 3.34 रुपये से लेकर 3.77 रुपये मात्र है. नोट की कीमत में यह दायरा उसके प्रिंटिंग के साल, डिजाइन, प्रिंट की गई मशीन की उम्र और प्रिंट करने वाले कर्मचारी के स्किल पर निर्भर है.जेटली ने लोकसभा में बताया कि नोटबंदी के बाद बाजार में उतारी गई 2000 रुपये की नई करेंसी की कीमत पुरानी एक हजार रुपये के बराबर है. करेंसी की कॉस्टिंग पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि करेंसी की कीमत आंकने के लिए उसमें लगे मटीरियल और लेबर कॉस्ट पर निर्भर है.वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद से लगभग 12 लाख नई करेंसी नोट रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जा चुकी है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में जेटली ने बताया कि रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी तक 11 लाख 64 हजार नई करेंसी से ज्यादा बाजार में उतारी जा चुकी है.
मुश्किल है बैंक में जमा पुरानी करेंसी का टोटल
हालांकि लोकसभा में जमा की जा चुकी पुरानी 500 और 1000 रुपये की करेंसी की संख्या पर उठे सवाल पर वित्त मंत्री ने बताया कि इसका आंकड़ा एकत्रित करना बेहद मुश्किल काम है. इस आंकड़े को पता करने के लिए रिजर्व बैंक को जमा हुए प्रत्येक करेंसी की परख करनी होगी. जमा हुई करेंसी में से नकली करेंसी को हटाया जाएगा और जबतक यह काम नहीं कर लिया जाता रिजर्व बैंक के लिए जमा हो चुकी पुरानी करेंसी का ब्यौरा देना मुमकिन नहीं होगा.
नोटबंदी की दिसंबर में 5000 करोड़ बढ़ी सरकार की आय
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में यह भी बताया कि 8 नवंबर को लागू नोटबंदी के बाद दिसंबर 2016 में सरकार के राजस्व में लगभग 5,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के मुताबिक दिसंबर 2016 में सरकार की नेट डायरेक्ट टैक्स वसूली 1,40,824 करोड़ रुपये रही. वहीं एक साल पहले दिसंबर 2015 में यह वसूली 1,35,660 करोड़ रुपये थी.