नई दिल्ली। भारत सरकार ने पिछले 2-3 माह में गोला बारूद सहित अन्य युद्ध सामग्री से जुडी 20 हजार करोड रुपए की इमर्जेंसी डील फाइनल की है। ये डील्स युद्ध जैसी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए की गई हैं। इन डील्स के जरिए सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि शॉर्ट नोटिस पर भी फोर्स के फाइटर्स, टैंक्स, इन्फन्ट्री और वॉरशिप युद्ध के लिए तैयार हो जाएं।
भारतीय वायुसेना ने 9200 करोड़ रुपये के 43 कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए हैं, वहीं थल सेना ने रूस की कंपनियों के साथ 10 कॉन्ट्रैक्स को फाइनल किया है। भारतीय सेना ने रूसी कंपनियों के साथ 5,800 करोड रुपये के 10 करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस डील के तहत एपीएफएसडीएस के लिए 125 इंजन और टी-20 तथा टी-72 टैंक के लिए गोला खरीदा जाएगा। इस डील से 13 लाख की संख्या बल वाली भारतीय सेना को रॉकेट, मिसाइल, टैंक के लिए गोला बारूद मिलेंगे। पिछले वर्ष उडी सेक्टर में सेना के कैम्प पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने रूस, इजरायल और फ्रांस के साथ नए करार तेजी से फाइनल किए हैं। इसके अलावा सरकार ने तीनों सेनाओं के वाइस चीफ की अध्यक्षता वाली कमिटियां गठित की हैं। इन कमिटियों को इमर्जेंसी की हालत में विशेष वित्तीय अधिकार दिए गए हैं, जिससे सेना के भंडार में किसी भी कमी को पूरा किया जा सके।
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