आज मप्र विधानसभा में पेश किए गए बजट सत्र
में छात्रों को कई तरह की सौगात सरकार ने दी हैं।
हालांकि सराकार पहले से ही शिक्षा के क्षेत्र में
नई-नई घोषणाएं कर स्तर को ऊपर उठाने में लगी
हुई हैं। सरकार ने बजट सत्र में शिक्षा के क्षेत्र
में कई घोषणाए की हैं।इस बार उच्च शिक्षा के
बजट में बढ़ोत्तरी हुई है। 2965 करोड़ रुपए के
बजट को मंजूरी दी गई है। स्टूडेंट्स के लिए मेधावी
छात्र योजना भी शुरू की गई है।जिसमें सरकार ने
1000 करोड़ का अनुदान किया है। राष्ट्रीय
शिक्षा मिशन ने लिए 742 करोड़ का प्रावधान के
साथ ही इस बात का ऐलान किया गया है कि कक्षा
1 से 11 तक एनसीईआरटी की बुक्स ही मान्य
होगी। प्राइमरी शिक्षा के लिए 3400 करोड़ रुपए
के बजट का प्रावधान है। इसके अलावा सरकार ने
आगामी वर्ष में 520 हाईस्कूल और 240 नए
हायर सेकेंडरी स्कूल खोलने का ऐलान किया है।
इसके अलावा 36000 नए शिक्षकों की भर्ती को
भी मंजूरी मिली है।
इसके तहत 12 वीं में 85 से ज्यादा लाने पर
ट्यूशन फीस में ऋण मुक्ति रहेगी। यदि 85
प्रतिशत से कम अंक लाने के बाद भी उच्च शिक्षा
में बेहतर शिक्षण संस्थानों में चयन होने पर राज्य
सरकार बिना ब्याज के ऋण विद्यार्थियों को
उपलब्ध कराया जाएगा जिसका भुगतान नौकरी
लगने के बाद किया जा सकेगा। जिसकी घोषणा
मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके हैं। आपको बता दे की
इस विषय में सीएम पहले ही कह चुके हैं की प्रदेश
इकलौता ऐसा राज्य है, जिसने एक दिन के
कार्यक्रम में 12 लाख 68 हजार 440 हजार लोगों
को योजनाओं का लाभ दिया। जबलपुर में 85 हजार,
भोपाल में 1 लाख और इंदौर में 50 हजार से ज्यादा
लोगों को लाभ मिला। हायर एजुकेशन के लिए 2965
करोड़ रुपए का बजट है।
इसके अलावा बजट में हायर एजुकेशन और प्राइमरी
एजुकेशन के लिए बजट बढ़ाने के साथ साथ
मेडिकल शिक्षा के लिए भी बजट बढ़ाया गया। 7
नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने की बात कही गई
जिसके लिए 590 करोड़ रुपए का बजट रखा गया
है। चिकित्सा शिक्षा के लिए कुल 7482 करोड़ का
बजट है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 742
करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया है। कक्षा
1 से 11वीं तक अब एनसीईआरटी की किताबें
कोर्स में शामिल की गई।2016-17 में यह बजट
उच्च और तकनीकी शिक्षा पर 616 करोड़ रुपए का
था। इसके अलावा प्राइमरी एजुकेशन के लिए
3400 करोड़ रुपए का बजट है। 30 करोड़ रुपए की
नई बैंच स्कूल में लाई जाएंगी।
गौरतलब हैं की शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने मिल
बांचे मध्यप्रदेश की शुरुआत भी की थी जिसमें
सीएम शिवराज ने सभी से अपील की थी की वो
अपने पसंदीदा या जिसमें वो पढ़े-लिखे हो उस
विद्यालय में जाकर पढ़ाए। हालांकि मुख्यमंत्री
सहित कई शिवराज सरकार के मंत्री राजधानी
सहित प्रदेश के कई स्कूलों में पढ़ाने गए थे।
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