मंगल (Mars) के उपाय :
क्या आपकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है
या आपके मंगल की महादशा या दशा चल रही
हैं तो कीजिये मंगल के शांति के निम्न उपाय :
मंगल के अशुभ होने पर बच्चे जन्म होकर मर
जावे, आंख में रोग होवे, गठिया रोग दुख देवे,
रक्त की कमी या खराबी वाला रोग हो जावे,
हर समय क्रैंध आवे, लड़ाइ झगड़ा होवे
हनुमान जी की आराधना एवं उपवास
रखें ,
तंदूर की मीठी रोटी दान करें ,
बहते पानी में रेवड़ी व बताशा बहायें,
मसूर की दाल दान में देवें ।
उपाय करने के नियम-
उपाय करने के अपने नियम हैं । इसलिए उपाय
कब और कैसें करें ये निम्न प्रकार से बतलाया
गया है । उपाय करने से पहले ” श्री सीताराम
दरबार ” श्री हनुमान जी ” श्री दुर्गा माँ ” का
ध्यान करते हुए किसी भी उपाय को करें ! किसी
भी उपाय को करने के लिए मन में श्रद्धा का
होना जरूरी है । पूरे मन से किया गया उपाय
पूर्ण फल देता है व अधूरे मन से किया गया
उपाय निष्फल रहता है । इसलिए आपको
सलाह दी जाती है कि आप कोई भी उपाय करें
उसे निष्ठापूर्वक पूरे मन से श्रद्धापूर्वक करें
। पूरे मन से व श्रद्धा और आस्था से आप
द्वारा किया गया उपाय आपके लिए
कल्याणकारी सिद्ध होगा ।
1. उपाय सूर्य निकलने के बाद सूर्य
छिपने तक दिन के समय करें, रात के
समय उपाय करना कई बार अशुभ फल
दे सकता है। केवल चन्द्र ग्रहण का
उपाय रात को किया जा सकता है ।
2. उपाय शुरू करने के लिए किसी
खास दिन सोमवार या मंगलवार
आदि, सक्रांति, अमावस्या या
पूर्णिमा आदि का कोई विचार नहीं
होगा।
3. आप का कोई खून का संबंधी
रिश्तेदार जैसे भाई-बहन, माता-
पिता, दादा-दादी, पुत्र-पुत्री आदि
में से उपाय कर सकता है जो फलदाई
होगा।
4. एक दिन में केवल एक ही उपाय
करें, एक दिन में दो उपाय करने से
शुभ फल नहीं मिलता या किया हुआ
उपाय निष्फल हो सकता है।
5. जो परहेज बताए जाये जैसे मांस-
मछली न खावें, मदिरा का सेवन न
करें, चाल-चलन ठीक रखें, झूठ न
बोलें, जूठन न खावें न खिलावें, नियत
में खोट न रखें, परस्त्री-परपुरुष से
संबंध न करें, आदि का विशेष ध्यान
रखें।
6. जो उपाय जिस समय के लिये
लिखा है उसी समय तक करें, आगे
यह उपाय बंद कर देवें।
7. यदि किसी कारण उपाय बीच में
बंद करना पड़ जाय तो जिस दिन
उपाय बन्द करना है उससे एक दिन
पहले थोड़े से चावल दूध से धोकर
सफेद कपड़े में बांध कर पास रख लें
और जब दुवारा उपाय शुरू करना हो
वह चावल धर्म स्थान में या चलते
पानी में या किसी बाग-बगीचे आदि में
गिरा कर उपाय फिर शुरू कर दें। ऐसा
करने से उपाय अधूरा नहीं माना
जाएगा और पूरा फल मिलेगा।
8. हर उपाय 43 दिन या 43 सप्ताह
या 43 मास या 43 वर्ष तक करना
होता है, उपाय चलते समय बीच में
टूट जाए चाहे 39वां दिन क्यों न हो
सब निष्फल हो सकता है या शुभ फल
में कमी रह सकती है।
9. जन्म कुण्डली में अशुभ ग्रहों का
वर्षफल कुण्डली में उपाय अपने
जन्मदिन से लेकर 40-43 दिन के
भीतर ही करें ।
10. घर में कोई सूतक (बच्चा जन्म
हो) या पातक (कोई मर जाय) हो
जाय तो 40 दिन उपाय नहीं करने
चाहिये ।
11. बुजुर्गों के रीति -रिवाजों को न
तोडें और संस्कार पूरें करें ।
उपाय करते समय इन बातो का रखे ध्यान-
1) एक समय में केवल एक ही उपाय
करें ।
2) लाल किताब के सभी उपाय दिन में
ही करने चाहिए । अर्थात सूरज उगने
के बाद व सूरज डूबने से पहले ।
3) सच्चाई व शुद्ध भोजन पर विशेष
ध्यान देना चाहिए ।
4) किसी भी उपाय के बीच मांस,
मदिरा, झूठे वचन, परस्त्री गमन की
विशेष मनाही है ।
5) सभी उपाय पूरे विश्वास व
श्रद्धा से करें, लाभ अवश्य होगा ।
6) उपाय कम से कम 40 दिन और
अधिक से अधिक 43 दिनो तक करें ।
7) उपाय में नागा ना करें यदि किसी
करणवश नागा हो तो फिर से प्रारम्भ
करें ।
8) उपाय सूर्योदय से लेकर
सूर्यास्त तक करें ।
9) उपाय खून का रिश्तेदार ( भाई,
पिता, पुत्र इत्यादि) भी कर सकता
है ।