इंडियन रेलवे अपनी सभी ट्रेनों से AC-2 कोच खत्म करने की योजना बना रही है। वहीं, रेलवे इसकी जगह AC-3 कोच बढ़ाएगी। हाल में रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार सिर्फ AC-3 कोच ही सबसे ज्यादा मुनाफा कमा कर देता है। इसीलिए माना जा रहा है कि रेलवे नॉन-एसी स्लीपर कोच की संख्या घटाकर भी AC-3 कोच बढ़ाए जा सकते हैं और कम रिस्पॉन्स के चलते 143 ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर सिस्टम को भी वापस लिया जा सकता है। इसकी जगह सभी ट्रेनों के बेसिक फेयर में 10 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
ट्रेनों से हटाये जाएंगे AC-2 कोच
रेलवे के सूत्रों से मिली जानकारी में बताया है कि 13 हजार पैसेंजर ट्रेनों में धीरे-धीरे AC-2 कोच कम होंगे और फिर इन्हें खत्म कर दिया जाएगा। जिन पैसेंजर ट्रेनों में अभी 20 या 22 कोच लगते हैं, उन्हें बढ़ाकर 24 करने का फैसला हुआ है। ऐसी ट्रेनों में जो एक्स्ट्रा कोच बढ़ाए जाएंगे, वो AC-3 के ही रहेंगे। यह भी पढ़े: 5 साल में पहली बार रेलवे के लिए बड़ी खुशखबरी, एक साल में यात्रियों की संख्या 7 करोड़ बढ़ी
रेलवे इसीलिए उठा रहा है ये कदम
रेलवे के पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक AC-3 कोच ने उसे सबसे ज्यादा कमाई करके दी है। इसीलिए रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एसी-2 के लिए उसी समय मांग होती है। जब एसी-3 में जगह नहीं होती। स्लीपर में चलने वाले करीब 30-40 फीसदी यात्री अब एसी-3 का सफर चाहने लगे हैं।यह भी पढ़े: संसदीय समिति का रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों में तेजी लाने पर जोर
SMS पर दी जाएगी ट्रेन लेट होने की सूचना
मंथली सीजनल टिकट का किराया भी बढ़ाया जा सकता है। जल्दी ही टिकट कैंसल करने के नियमों में भी बदलाव किया जाएगा। ट्रेन लेट होने पर पैसेंजर्स को इसकी जानकारी एसएमएस पर दी जाएगी। चार दर्जन से अधिक ट्रेनों की पहचान कर उन्हें समय से चलाने, उन्हें अप टू टाइम बनाने को लेकर भी कदम उठाए जाएंगे। भारतीय रेलवे ने डाली पुराने कुंओं में नई जान, पानी पर हर जोन में होगी प्रति महीना 22 लाख रुपए की बचत
फ्लैक्सी फेयर हो सकता है ख़त्म
राजधानी, शताब्दी, दुरंतो ट्रेनों में फ्लैक्सी फेयर सिस्टम का भी रेलवे रिव्यू कर रहा है। इस सिस्टम को बंद करने और इसके बदले में ऑप्शनल सिस्टम लाने पर सोचा जा रहा है। यह भी सोचा जा रहा है कि सभी ट्रेनों के बेसिक फेयर में 10% से 15% का इजाफा किया जाए। मंथली सीजन टिकटों के रेट भी बढ़ाए जाएं।
रेलवे के मुताबिक, पिछले साल 9 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस में 5 हजार 871 बर्थ खाली रही थीं। फ्लैक्सी फेयर सिस्टम को ही इसकी वजह माना गया था।