गोरखपुर. सीएम गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ में अपने निवास भवन से साल में नौ दिन तक नीचे नहीं आते। वो दिन होता है शारदीय नवरात्र का नौ दिन। दसवें दिन योगी आदित्यनाथ भवन से नीचे आते हैं और गुरु गोरक्षनाथ की विशेष पोशाक में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के मुख्य पुजारी कमलनाथ बाबा ने शारदीय और चैत्र के नवरात्र का सीएम योगी आदित्यनाथ का शेड्यूल शेयर किया।
नवरात्र में नौ दिन तक भवन से नहीं आते नीचे
– योगी आदित्यनाथ शारदीय और चैत्र दोनों ही नवरात्र में नौ दिन तक व्रत रहते हैं। शारदीय नवरात्र (अकटूबर में पड़ने वाला) उनके लिए विशेष होता है। इसमें वे नौ दिन तक अपने निवास भवन गोरक्षपीठ से नीचे नहीं आते हैं।
– वे नौ दिन तक व्रत रहकर पूजा-पाठ करते हैं। इस दौरान आचार्यों द्वारा मां शक्ति (दुर्गा) की विशेष पूजा सुबह-शाम होती है।
– दोनों समय की विशेष आरती वो खुद योगी करते हैं। मां का मंदिर भवन के ऊपरी तल पर है।
अष्टमी में होता है शस्त्र पूजन
– कमलनाथ बाबा ने बताया कि योगी अष्टमी के दिन शस्त्र पूजन करते हैं। इसमें मंदिर से जुड़े कुछ खास लोग ही शामिल हो सकते हैं जो योगी के सेवक होते हैं।
– नवमी के दिन योगी हवन-पूजन के बाद नौ कुवांरी कन्याओं और एक भैरव का पांव धोकर पूजन करते हैं, फिर उन्हें प्रेम से भोजन कराकर दक्षिणा देकर विदा करते हैं।
दशमी के दिन करते हैं विशेष परिधान में पूजा
– बाबा कमलनाथ ने बताया कि योगी दशमी के दिन सुबह बाबा गुरु गोरक्षनाथ की विशेष परिधान (सैलीसिम) में पूजा करते हैं। शाम को 4 बजे मंदिर से शोभायात्रा निकलती है।
– सजे-धजे खुले वाहन पर सवार होकर योगी हजारों सेवकों के साथ करीब एक किमी दूरी तय कर मानसरोवर मंदिर पहुंचते हैं।
– यहां वे भगवान शिव की पूजा करते हैं। फिर पास के अंधियारीबाग रामलीला मैदान पहुंचते हैं और राम दरबार की आरती करने के बाद लोगों को संबोधित करते हैं।
– इसी दिन से यहां रामलीला की शुरूआत हो जाती है। यहां से लौटने के बाद ही योगी आदित्यनाथ भवन में पारण करते हैं और एकादशी की सुबह से उनका डेली रूटीन फिर से शुरू हो जाता है।
उन्होंने बताया कि इन नौ दिनों में भवन के फर्स्ट फ्लोर पर कुछ खास लोग ही आते-जाते हैं। मंदिर के मैनेजर द्वारिका तिवारी को पता होता है कि महराज जी (योगी आदित्यनाथ) के लिए कौन सा व्यक्ति अहम है।
– इसके लिए भी वो पहले उसके नाम की पर्ची अंदर भेजते हैं। बुलावा आने पर उसे ससम्मान ले जाया जाता है। फर्स्ट फ्लोर पर मुलाकात होती है।
– योगी इस दौरान जरूरी काम भवन के फर्स्ट फ्लोर पर रहकर ही निपटाते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि इन नौ दिनों में योगी फलाहार भोजन करते हैं। सुबह के समय दूध या मट्ठा, दिन में ड्राईफ्रूट और फल ही ग्रहण करते हैं।
– शाम के समय वो ड्राईफ्रूट, मौसमी फल, दूध, सिंघाड़े के आटे का बना हलवा, बाकला की दाल, तिन्नी का चावल, फाफड़े की रोटी में से कुछ भी खा लेते हैं।
दशमी के दिन चढ़ाया जाता है पक्का रोट
– गुरु गोरक्षनाथ भगवान को दशमी के दिन योगी आदित्यनाथ द्वारा पक्का रोट चढ़ाया जाता है।
– इस पक्के रोट के लिए आटा, चीनी और देशी घी मिलाकर गूथा जाता है।
– फिर इसे मुट्ठी में बंद कर रोल करते हैं। उस रोल को देशी घी में तला जाता है।
– सभी रोल पक जाने पर उसे कूटकर बारीक किया जाता है। फिर उसमें मेवा डालकर साथ में कूटा जाती है।
– इसके बाद उसमें देशी घी डालकर लड्डू तैयार किए जाते हैं।
– इस तैयार प्रसाद को पक्का रोट कहते हैं। यही भगवान गुरु गोरक्षनाथ को चढ़ता है।
– ये रोट सिर्फ मंदिर के सधे पुजारी तैयार करते हैं और ये दशमी के दिन चढ़ाया जाता है।