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निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें नहीं लगाई जा सकती:RTI

निजी स्कूलों में आगामी शिक्षा सत्र को
लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है और इसी सन्दर्भ में
प्राइवेट बुक्स पब्लिशर्स ने प्राइवेट स्कूलों के साथ
अपनी डील पक्की करने के लिए स्कूलों में दस्तक देनी
शुरू कर दी है और वे उन्हें अपनी किताबें लगवाने के
लिए मोटे कमीशन की पेशकश कर उनके साथ सौदेबाजी
कर रहें हैं। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या प्राइवेट
स्कूल अपनी मनमर्जी से प्राइवेट बुक्स पब्लिशर्स की
किताबें अपने स्कूलों में लगवा सकते हैं?
उपरोक्त प्रश्न का उत्तर जानने के लिए एड़वोकेट
वीरेन्द्र सिंह भादू ने सीबीएसई के सचिव से सुचना का
अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के तहत
यह जानकारी माँगी कि क्या एक प्राइवेट स्कूल मालिक
अपने स्कूल में अपनी मनमर्जी से किसी प्राइवेट बुक
पब्लिशर की किताबें लगवा सकता है?
एड़वोकेट भादू द्वारा माँगी गई जानकारी का जवाब देते
हुए सीबीएसई के जनसूचना अधिकारी ने बताया कि कोई
भी प्राइवेट स्कूल अपनी मर्जी से अपने स्कूल में पढ़ने
वाले बच्चों व उनके अभिवावकों को अपनी पसन्द के
किसी प्राइवेट बुक पब्लिशर की किताबें खरीदनें के लिए
मजबूर नहीं कर सकता है।
जनसूचना अधिकारी ने बताया कि सीबीएसई से
सम्बद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी या सीबीएसई की
किताबों के अलावा अन्य किसी और पब्लिशर्स की
किताबें खरीदनें के लिए विद्यार्थियों व उनके
अभिवावकों को मजबूर नहीं किया जा सकता है। यदि
कोई स्कूल ऐसा करता है तो इसे अनुचित व सीबीएसई
के सर्कुलर के विरुद्ध माना जाएगा।
उन्होनें बताया कि ऐसी स्थिति में किसी अन्य प्राइवेट
बुक पब्लिशर की किताबें विद्यार्थियों को पढ़ाने का
कोई मतलब नहीं है जब बोर्ड की परीक्षाएं व
सीबीएसई के प्रश्न पत्र एनसीईआरटी की सामग्री के
अनुसार तैयार किए जातें हैं।
उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी ने अपनी अभ्यास
पुस्तकें बेचने के लिए बाकायदा अपने सेल्स काउंटर्स
भी खोल रखें हैं, जोकि अजमेर, भोपाल, शिलॉग,
भुवनेश्वर, मैसूर, अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता,
गुवाहाटी व नई दिल्ली में स्थित हैं, जहाँ से प्राइवेट
स्कूल अपनी जरूरत के अनुसार पहली कक्षा से लेकर
बाहरवीं कक्षा तक की पुस्तकें खरीद सकतें हैं।
उन्होनें बताया कि एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित की
गई पहली कक्षा से लेकर बाहरवीं कक्षा तक की
किताबें और सीबीएसई के प्रकाशन विभाग की
वेबसाइट्स पर विद्यार्थियों के लिए मुफ्त में उपलब्ध
है।
सीबीएसई के जनसूचना अधिकारी ने एड़वोकेट वीरेन्द्र
सिंह भादू को सीबीएसई की एडिशनल डायरेक्टर
सुगन्ध शर्मा द्वारा दिनाँक 12 अप्रैल 2016 को जारी
किए गए सर्कुलर नम्बर ACAD 13/2016 की प्रति
भी उपलब्ध करवाई है , जिसमें प्राइवेट स्कूलों को यह
स्पष्ट हिदायत दी गई है कि वे अपने विद्यार्थियों व
उनके अभिभावकों पर एनसीईआरटी या सीबीएसई की
किताबों के अलावा अन्य कोई पब्लिशर्स की किताबें
खरीदनें के लिए मज़बूर ना करें।
इसी प्रकार एड़वोकेट भादू ने निदेशक,सैकेण्डरी
शिक्षा हरियाणा, पंचकुला से भी उपरोक्त विषय को
लेकर जानकारी माँगी कि क्या हरियाणा सरकार से
मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट बुक्स
पब्लिशर्स की किताबें लगवाई जा सकती है ? तो
उन्होनें जानकारी दी कि हरियाणा सरकार से मान्यता
प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट बुक्स पब्लिशर्स की
किताबें नहीं लगाई जा सकती है और स्कूलों में प्राइवेट
पब्लिशर्स की पुस्तकों से नहीं पढ़ाया जा सकता है।
अगर कोई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है तो
उसके विरुद्ध कार्यवाही का प्रावधान है।

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