भोपाल/वाराणसी। कटनी के 500 करोड़ रुपए के
हवाला कारोबार से देशभर में चर्चा में आए एसपी
गौरव तिवारी कटनी से पहले जब बालाघाट में
पदस्थ तब वे बेटी पैदा होते ही तीन राज्यों के
वांटेड 35 लाख के नक्सली दिलीप गुहा को पकडऩे
के मिशन पर गए थे। दो दिन तक अज्ञात स्थान
पर रहे और नक्सली को गिरफ्तार करके ही लौटे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव
क्षेत्र बनारस के तिवारीपुर के किसान का यह बेटा
निवासी है। तिवारी की मां सरिता तिवारी के अनुसार
मई 2015 में जब गौरव की पोस्टिंग बालाघाट थी।
बहू आभा प्रेग्नेंट थी। उसे डिलीवरी के लिए
हॉस्पिटल में एडमिट करवाया था। तभी गौरव के
पास नक्सलियों से जुड़े एक सीके्रट मिशन पर जाने
के ऑर्डर्स थे। वो रात में निकलने ही वाला था कि
तभी बहू को लेबर पेन शुरू हो गया। तुरंत डॉक्टरों ने
उसका इमरजेंसी सिजेरियन ऑपरेशन किया। आभा
ने रात 12 बजे पोती को जन्म दिया। गौरव अपनी
बेटी को गोद में लेकर भावुक हो गया था। एक तरफ
उसे ड्यूटी पर जाना था और दूसरी तरफ हाथ में
नवजात बेटी थी। तब गौरव ने कहा कि बेटी को
देखकर जा रहा हूं। बड़ा मिशन है, पूरा करके ही
लौटूंगा। अरुण तिवारी ने बताया कि तब गौरव ने 2
दिन बाद फोन करके बताया कि उसने 35 लाख
रुपए के इनामी नक्सली दिलीप गुहा को अरेस्ट कर
लिया था। वो 19 मर्डर्स का आरोपी था, जिसकी
तलाश में मप्र, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की
पुलिस भी ढूंढ रही थी। गौरव की मां सरिता के
अनुसार गौरव आज भी अपने पिताजी के सामने नहीं
बैठता। हमेशा आदर से खड़ा रहता है। पुलिस की
नौकरी में आने के बाद भी गौरव जज्बाती व्यक्ति
हैं। आज भी वो मुझे स्टेशन छोडऩे आता है तो
भावुक हो जाता है और रोने लगता है।
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