मध्यप्रदेश में अगले पाँच साल में 70 लाख कौशल संपन्न युवा जनशक्ति को रोजगार के अवसर मिलेंगे। विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार प्रदेश में दस क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें अगले पाँच साल में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। इनमें हास्पिटेलिटी, स्वास्थ्य, आई.टी., आईटीईएस, निर्माण, इलेक्ट्रिकल्स, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट, फार्मा एवं मेडिसिन उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल्स एवं फार्मास्युटिकल जैसे तेजी से उभरते क्षेत्रों में बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा।
नये क्षेत्रों में जरूरी कौशल प्रशिक्षण को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कौशल विकास मिशन बनाया गया है। इसके अंतर्गत लघु अवधि के कौशल विकास कार्यक्रम और पाठयक्रम बनाये गये हैं। युवाओं को इसके जरिये रोजगार प्राप्त करने योग्य बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में हर साल ढाई लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उनके हुनर को प्रमाणित किया जायेगा। महिलाओं के लिये मुख्यमंत्री कौशल्या योजना में हर साल दो लाख महिलाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जायेगा। मुख्यमंत्री की पहल पर कौशल विकास के लिये प्रभावी रणनीति बनाई गई है। भोपाल में आई.टी.ई. एजुकेशन सर्विस सिंगापुर के सहयोग से विश्व-स्तरीय ग्लोबल स्किल पार्क बन रहा है। उद्योगों की जरूरत के अनुसार दस संभाग स्तरीय आईटीआई को आदर्श प्रशिक्षण केन्द्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है। दिव्यांगों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिये सात आईटीआई में प्रशिक्षण के संसाधन जुटाये जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण होने से तेजी से नये उद्योग आ रहे हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में उद्योगों को इन्सेटिव के रूप में 1200 करोड़ रूपये उपलब्ध करवाये गये थे। व्यापार को ज्यादा से ज्यादा आसान बनाया गया है ताकि उद्योगों की स्थापना में कम से कम बाधाएँ आयें।
कौशल संपन्न युवा मानव संसाधन और उद्योगों के बीच परस्पर मेल कराने, उद्योगों की जरूरतों और कौशल एवं प्रशिक्षण की आवश्यकताओं का आकलन करने एवं इस दिशा में आगे बढ़ने का रोडमैप तैयार करने के लिये एक जून को भोपाल में वैश्विक कौशल और रोजगार भागीदारी सम्मेलन हो रहा है।